फरीदाबाद में चार अधिवक्ताओं को छह-छह साल की कैद
जिला कोर्ट परिसर में 31 मार्च 2006 को हुई फायरिंग मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग की कोर्ट ने बार एसोसिएशन के दो पूर्व अध्यक्षों सहित चार अधिवक्ताओं एलएन पराशर, ओपी शर्मा, गौरव शर्मा व कैलाश वशिष्ठ को शुक्रवार को छह-छह साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शुक्रवार सुबह दस बजे से ही कोर्ट परिसर में अधिवक्ता अपना कामकाज छोड़ कर कोर्ट परिसर में जमा हो गए थे। चारों दोषियों को दोपहर करीब 12 बजे अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उनकी सजा सुनाई। बता दें कि सेक्टर-12 स्थित कोर्ट परिसर में कैंटीन और साइकिल स्टैंड पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद था। 31 मार्च 2006 को कैंटीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हुई थी।
इस दौरान मामला इतना बढ़ गया कि हाथापाई के साथ ही एक पक्ष ने अदालत में फायरिंग शुरू कर दी थी। इस घटना में अधिवक्ता राकेश भड़ाना गोली लगने से घायल हो गए थे। कुछ अन्य अधिवक्ताओं को भी चोटें आई थीं। शिकायतकर्ता अधिवक्ता अजयवीर भड़ाना ने 25 लोगों के खिलाफ सेंट्रल थाना में मामला दर्ज कराया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सात मार्च को दो पूर्व बार अध्यक्ष समेत चार अधिवक्ताओं को दोषी करार दिया था, जबकि 20 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इनमें से एक आरोपी रविंद्र फौजी की मौत हो चुकी हैं। इस मामले में दोनों पक्षों के 24-24 गवाह पेश किए गए थे। दोषी करार दिए गए एलएन पाराशर व ओपी शर्मा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।